लाखों खर्च बाबू बनाकर बिठा दिया वनरक्षक, वनपालों को दफ्तरों में, प्रधान मुख्य वन संरक्षक  के निर्देश भी बेअसर

news
?>

#keval k tripathi
भोपाल। मध्य प्रदेश के जंगल लगातार कट रहे हैं। लकड़ी काटकर कब्जा, और फिर अतिक्रमण कर वन भूमि का रकबा कम किया जा रहा है। ऐसे कई मामले पिछले दिनों सामने आये है। वन भूमि पर अतिक्रमण कोई नई बात नहीं हैं। कोलार इलाके में अवैध अतिक्रमण के मामले में वर्तमान उड़नदस्ता प्रभारी की कार्यप्रणाली दोषपूर्ण रही है। जब वो सीपीए में सेवा दे रहे  थें। उनके रहते अतिक्रमण हुआ आला अधिकारी भी इस बात को जानते है। अधिकारियों की मेहरबानी के चलते उनके कनिष्ठ को दोषी मान और उनको भोपाल उड़न दस्ते का प्रभार बतोर इनाम दे दियागया। इस घटना की चर्चा आज भी डिविजन, वन उड़नदस्ता सहित वन विभाग में होती रहती है। 

              इंदौर हाई कोर्ट पहले ही 62 प्रजातियों के वृक्षों की लकड़ी के परिवहन पर रोक लगा चुका हैं। इसके बाद भी जंगल की कटाई जारी हैं। 09 दिसंबर 2005 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने जंगल की सुरक्षा में बल की कमी को देखते हुए। जानकारी मिलने पर वन रक्षकों, वनपालों को कार्यालयीन कार्य से हटाकर मूल जंगल के कामों में लगाने के निर्देश दिए थे, जो अब तक बेअसर हैं। कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख सतपुड़ा भवन प्रशासन 2 ने 7 मार्च 2023 को एक पत्र समस्त प्रधान मुख्य वन संरक्षकों को भेजा है। इस पत्र में 9 दिसंबर 2005 के प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल के पत्र का हवाला देते हुए लिखा है कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल के पूर्व में लिखे गए पत्र में निर्देश दिया था कि कोई भी वनरक्षक वनपाल किसी भी स्तर के कार्यालय में कार्यालय कार्य नहीं करेंग। इनकी सेवायें वीटांे, जांच नाकों पर या फिर वन उड़नदस्ता में लिया जाये। वन सुरक्षा के काम में लगाए जाएं पर आज दिनांक तक ऐसे नहीं हो सका। आलम यह है कि मध्य प्रदेश में लगातार जंगल के रकबे में अतिक्रमण, कटाई और वन जावों का शिकार की खबरें आ रही है। वहीं वन रक्षक, वनपाल आज भी दफतर में बाबूगिरी, सरकार के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के बंगलों पर अर्दली बने देखे जा सकते हैं। 

         आपको बता दे कि इनकी प्रशिक्षण में लाखों का खर्ज वन विभाग करता है।  लाखों खर्च करने के बाद इनको बाबू, अर्दली बना कर बेठा दिया गया है। अब देखना होगा कि कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख सतपुड़ा भवन प्रशासन 2 ने 7 मार्च 2023 को लिखे इस पत्र पर भोपाल सीसीएस सहित प्रदेश के समस्त प्रधान मुख्य बन संरक्षक एवं समस्त अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय इस निर्देश का कितना पालन करा पायेगें। 


Other News