राजधानी में तेज हुई अवैध सागौन की आवक, जानियें क्या है वजह … ?

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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछलें चार महिनों से अवैध सागौन की आवक तेज हुई है। वहीं उड़नदस्ता इस आवक को रोकने में असफल हैं। वसूली के लिये वन विभाग में फर्जी नाकेदार मामले में भी सागौन की लकड़ी का अवैध व्यापार सामने आया था। उस मामले में भी आरोपि अब तक नहीं पकडें गये और इस पूरे मामले की जांच अब भगवान भरोसे चल रही हैं या दबाने की तैयारी कर दी गई हैं। या यू कहे जिस पर आरोप है उसे ही को जांच का काम सौप दिया गया हैं। गांधी नगर थाने में इस मामले में फर्जी नाकेदार की गिरफतारी संबंधि आवेदन दिया गया है। पुलिस की जांच के दायरे में उड़नदस्ता प्रभारी अनिल शर्मा भी है। इस आवेदन में उनका भी नाम है।

       राजधानी से लगे जंगल लगातार कट रहे है। पिछले चार महिने में सागौन सहित अवैध लकड़ी के व्यापार में तेजी आई है। जिसकी जानकारी लगातार उच्च अधिकारियों को भी मिल रहीं है। उच्च अधिकारी स्वयं संज्ञान लेकर अवैध सागौन का जब्त करने की कार्यवाहीं भी कर रहे है और सफल एवं असफल भी रहे है। बात करे भोपाल वन उड़नदस्ते की मंशा की तो आरोपियों को पकड़ने की नहीं अपराधिकयों के सहयोग व संरक्षण की बात सामने आ रही है। सूत्र की माने तो कालापीपल, विदिशा, सीहोर क्षेत्र से लगे इलाके में वन उड़नदस्ते के वरिष्ठ एवं इसी साल सेवा निर्वति होने जा रहे साहब की जमीन एवं पेतृक जमीन भी यही है। रिश्तेदारो का कारोबार जंगल से जुड़ा है, लकड़ी का है। बाकी लॉयन न्यूज से पाठक समझदार है। जिसके चलते अवैध लकड़ी के व्यापार अघोषित सहयोग से सफल हो रहा है। इस अवैध व्यापार में 15- 15 साल से जमे सबसे विश्वासपात्र कुछ उड़नदस्ते के कर्मचारी भी सहयोगी है। साहब ने कर्मचारियों को चुन-चुन कर काम दिया है। अब यह आलम है कि अवैध सागौन को पकड़वाने वालों पर ही वन विभाग कार्यवाही कर रहा है। साहब को जो मलाई खिला रहा है चाहे वह भ्रष्ट हो साहब का हाथ उसके सर पर हैं। वहीं अवैध लकड़ी के व्यापारियों कहते फिर रहे है कि ‘‘'सैयां भये कोतवाल, अब डर काहे का ’’ अब देखना होगा कि सीसीएफ साहब की नींद कब खुलेगी। लॉयन न्यूज के लिये केवल कृष्ण त्रिपाठी, भोपाल मध्य प्रदेश

 


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