अतिथि विद्वानों ने रखी एक दिवसीय वादा स्मरण सभा

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@ K.K. Tripathi

भोपाल। सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से सेवा देने वाले महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों ने राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में एक दिवसीय वादा स्मरण सभा रखी। जिसमें प्रदेश भर के हजारों अतिथि विद्वानों ने शिरकत किया। साथ ही सभी ने एक स्वर से सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से अपने नियमितीकरण भविष्य सुरक्षित करने की गुहार लगाई। विपक्ष में रहते हुए खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित डॉ नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, वीडी शर्मा, प्रज्ञा सिंह, सीताशरण शर्मा जैसे कद्दावर नेता अतिथि विद्वानों के आंदोलन में जाकर शिरकत किए थे। और 16 दिसंबर 2019 को शिवराज ने कहा था टाइगर अभी जिंदा है। अतिथि विद्वानों को नियमित करो कमलनाथ नहीं तो अतिथि विद्वानों की हाय तुम्हे ले डूबेगी। लेकिन उस समय अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण को लेकर कांग्रेस ने नोटशीट तैयार कर ली थी। अतिथि विद्वान हर बार राजनीति के शिकार हो जाते। 
           संघ के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय के कहा कि मध्य प्रदेश के मूल निवासी महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों को नियमित करने के बाद बचे हुए पदों में सरकार पीएससी से भर्ती करे।अतिथि विद्वानों के पास अच्छा खासा अनुभव है एवं योग्यता है। डॉ पांडेय ने शासन प्रशासन से सवाल करते हुए कहा कि आखिर सरकार को चाहिए क्याघ् अतिथि विद्वानों के पास अनुभव योग्यता दोनों है फिर नियमित क्यों नहीं।सरकार जल्द उचित निर्णय ले। पीएससी 2017 की आज़ भी विवादों में घिरी है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे डॉ देवराज सिंह एवं डॉ बीएल दोहरे ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार एक उचित निर्णय लेते हुए अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करे।


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